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वैष्नवजन तो तेने कहिये – वाद्य-संगीत घनश्याम ठक्कर (ओएसीस)
वैष्नवजन तो उस को कहे – घनश्याम ठक्कर (ओएसीस)
गांधीजी का सबसे प्रिय, नरसिंह महेता रचित,
गुजराती भजन का छंदोबद्ध भावानुवाद
ऐ मेरे वतन के लोगों वाद्य-संगीत घनश्याम ठक्कर (ओएसीस)
जब गांधीजी की हत्या हुई तब मेरी उम्र दो साल की थी. हमारे छोटे गांव में भी उसका गहरा असर हुआ होगा. मेरे पिताजी गांधीजी के चुस्त अनुयायी थे, ईस लिये घरमें बहुत शोक की भावना हो गई होगी. चार साल के बाद, हमारे गांव में प्रथम प्राथमिक शिक्षा का स्कूल खुला. यह शाला गांधीजी की गुजरात विद्यापीठ द्वारा संचालित थी. चार राष्ट्रिय-दिनों का बडा महत्व था. १५ अगस्त, २६ जनवरी, गांधीजी का जन्मदिन (२ अक्टूबर) और गांधीजी की पूण्यतिथि (३० जनवरी). स्कूल के बच्चों का जुलूस राष्ट्र्प्रेम के गीत गाते हुए, और नारे लगाते हुए गांव के मुख्य रस्तों पर परेड करते थे (आझादी को अभी सिर्फ पांच साल हुए थे).
ईन्जिनियरिंग कोलेज में मुझे पत्रिका सचिव (संपादक) के रूप में निर्वाचित किया गया था. १९६९ की साल थी. गांधीजी की जन्म शताब्दी की साल थी. हम सब ने कोलेज के वार्षिक अंक को महात्मा गांधी को अर्पण करने का निर्णय किया. अभी तो मैंने साहित्य स्तर के काव्य लेखन की शुरुआत की थी. वार्षिक अंक के प्रथम पृष्ठ पर मैंने गुजराती भाषा में निम्नलिखित चार लाइन पंक्तियां लिखी थी.
જન્મ્યો હતો બાળક બની જે એકનો,
મરતાં થયો બાપુ કરોડો લોકનો,
જીવતાં મહાત્મા જે બન્યો આ લોકનો,
મરતાં ફરિશ્તો તે થયો પરલોકનો
आज मैंने इन काव्य-पंक्तिओं का मूल छंद में भाषांतर किया है
पैदा हुआ जो पुत्र बन के एक का,
जब चल बसा, पितृ करोडो लोग का.
जिन्दा महात्मा जो बना इस लोक का
मर के फरिश्ता वो बना परलोक का.
वैष्नवजन तो तेने कहिये गांधीजी का प्रिय भजन था. आद्य कवि नरसिंह महेता का लिखा हुआ यह गीत अंग्रेजी फिल्म ‘गांधी’ का टाइटल सोंग था. मैंने उसका मूल छंद में भाषांतर किया है. सितार, पियानो और गिटार का उपयोग कर के उसकी मूल लोक-धून को एक नये अंदाज में वाद्य-संगीत के रूपमें रेकोर्ड किया है.
‘अय मेरे वतन के लोगो’ भारतीय जवानों की कुरबानी के लिये बनाया गया सबसे लोकप्रिय गीत है. प्रदीपजी का लिखा हुआ, और सी. रामचंद्र का संगीतबध्ध किया हुआ यह गीत, ५१पहले, लता मंगेशकर ने वडाप्रधान जवाहरलाल नेहरू की उपस्थिति में हजारों लोगो के सामने गाया था. गीत पूरा होने के बाद नेहरूजी ने लताजी से कहा, “बेटी, तुने मुझे रुला दिया” मैं आप की समक्ष इस गीत का वाद्यसंगीत पेश करता हूं. लताजी ने अपनी सुरीली आवाझ में गीत की जो भावनापूर्ण अभिव्यक्ति की है, उसे वाजिन्त्रो में मैंने प्रयत्न किया है. आशा है आप को यग गीत का रिमिक्स पसंद आयेगा.
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Oasis Thacker Publication and Music Production
Ghanshyam Thakkar
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