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वैरागी (अछांदस) – घनश्याम ठक्कर

वैरागी अछांदस घनश्याम ठक्कर ========================================== ‘वैरागी’ काव्य के संदर्भमें गुजरात के महान कवि, समीक्षक और साहित्य-प्राज्ञ श्री लाभशंकर ठाकर की समीक्षा ला.ठा. को व्याप्ति, अव्याप्ति और अतिव्याप्ति के दोष के खतरे के बावजुद भी अत्याधिक वृतान्त करनेमें दिलचस्पी है. तो एक कथन फेंक रहा … Continue reading

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